द गर्ल इन रूम 105–४०
"क्या?" सौरभ और मैंने एक स्वर में कहा, और फिर बाद में 'सर' जोड़ दिया।
"कैंपस रजिस्टर के मुताबिक तुम लोग अपनी एनफील्ड बाइक पर सवार होकर 3:14 पर कैंपस में पहुंचे थे, इसका मतलब है कि 3:20 से पहले तुम ज़ारा के रूम में नहीं पहुंच सकते थे।' "जी, सर। हम उसी समय वहां पहुंचे थे। मेरी बाइक अभी भी कैंपस में खड़ी है।" 'और तुमने उसके पैरेंट्स को 3:38 पर और पुलिस को 3:40 पर कॉल किया। पुलिस 3:52 पर पहुंची और
3:54 पर हमने बॉडी को देखा।'
"जी, सररा
'तो अगर तुम 3:20 पर वहां पहुंचे और 3:35 पर उसका क़त्ल किया...'
"सर, मैंने उसे नहीं मारा।'
"शूट अप और जो बोल रहा हूं उसको सुनो।'
"जी, सर।"
'तो, अगर तुमने उसे 3:35 पर मारा और मैंने 3:54 पर बॉडी को देखा, तो, बेल, मैं कोई पोस्टमार्टम एक्सपर्ट तो नहीं, लेकिन मैंने अपनी जिंदगी में बहुत सारी डेड बॉडी देखी हैं और ज़ारा की लाश को देखकर यह
नहीं लग रहा था कि उसे बीस मिनट पहले ही मारा गया है। लाश बहुत ठंडी और सख्त हो चुकी थी।'
मैंने राहत की सांस ली।
"जी सर जब मैं वहां पहुंचा, तब पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी। उसका शरीर ठंडा पड़ चुका था। 'वेल, हमें ऑटोप्सी से बहुत मदद मिलती, लेकिन उसके पैरेंट्स ने इसके लिए इजाजत नहीं दी।' राणा ने
'
उंगलियों को आपस में बांधते हुए कहा। "क्यों?"
'मज़हबी कारणों से? ख़ुदा जाने किसलिए? उनका कहना है कि वे उसका कफ़न दफ़न ठीक से करना चाहते हैं। हां, यह सच हैं कि ऑटोप्सी में हम पूरे शरीर की चीरफाड कर देंगे, लेकिन बाद में उसमें टांके भी तो लगा देंगे।
लेकिन उन लोगों ने हमारी एक नहीं सुनी।'
सौरभ और मैं चुप्पी साधे रहे। इंस्पेक्टर ने आगे कहा, 'एनीवे, मैंने उसकी मौत के कारणों की पड़ताल के लिए एक कॉरोनर भेजा है। उम्मीद है कि वे लोग उसको बाहरी जांच करने की इजाज़त देंगे। शायद वो कोई
सुराग लगा पाए।'
उन्होंने अपने नोट्स खोल लिए। "लाश की गर्दन पर जो निशान पाए गए हैं, उसके अलावा उसके शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं हैं।
और जहां तक हमारा ख्याल है उसके साथ कोई बलात्कार भी नहीं हुआ था।' मुझे हैरानी हुई कि इंस्पेक्टर लाश और सेक्शुअल असॉल्ट जैसी चीज़ों के बारे में इस तरह से बात कर रहे थे, जैसे हम अपने कोचिंग सेंटर में ट्रिनोमेट्री और एलजेन्ना के बारे में बात करते हैं।
'हमने उसकी कुछ हॉस्टल-मेट्स के बयान लिए हैं। क्या उस दिन कैंपस में छुट्टी थी?"
'हो सकता है। हफ़्ते भर का मिडटर्म ब्रेक फ़रवरी में हमें ऐसा ब्रेक मिला करता था, मैंने कहा। "हां, अभी हॉस्टल में ज्यादा लोग नहीं हैं। उसके विंग में भी केवल तीन ही लड़कियां मौजूद थीं। बाक़ी
अपने घर चली गई हैं।'
"जी, सर, सौरभ ने कहा।
'हॉस्टल एंट्रेंस के सीसीटीवी फुटेज आए हैं। हम बारीकी से उनकी पड़ताल करेंगे। हमने ज़ारा के फोन
रिकॉर्ड्स मंगवा ही लिए हैं। उसके मंगेतर की सेल टॉवर लोकेशन हमने पहले ही चेक कर ली है। उससे बात भी हो चुकी है। हम पूरी रात सोए नहीं हैं। क्या हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश नहीं कर रहे हैं?" इंस्पेक्टर ने कहा। अभी एक मिनट पहले मैं आरोपी था, और अब मुझसे ऐसा बरताव करने की उम्मीद की जा रही है, जैसा
कि मियां-बीवी की आपस की बातों में करते हैं। 'जी, सर। आप अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं।'
"तो फिर ये मीडिया वाले टीवी पर यह क्यों दिखा रहे हैं कि “दिल्ली पुलिस को कोई होश ही नहीं है?" उन्होंने मेज़ पर मुक्का मारते हुए कहा । 'हम इससे ज़्यादा क्या कर सकते हैं? क्या हम रातों को हर इंसान के घर में घुस जाएं, ताकि कहीं कुछ गलत हो ही ना पाए? भला कोई कैसे अपराधों पर पूरी तरह से रोक लगा सकता है? ज़्यादा से ज़्यादा हम उसकी गुत्थी ही सुलझा सकते हैं।"